White जय परमेश्वर साध?अनोपदासने?हमारे बाल बच्चोंकी जींन्दगीकेवास्ते'तुम्हारे'जालसे,वाकीफ कीयाहे जीससे तुम्हारा जाल हमको मालुमहुवाहे नहीतो अबतक हम?सब- जहांनकेलोग तुम्हारे जालोंसे-बेखबरथे-परंन्तु बाबा हमारे?बच्चे बचनेकीगर्जसे ओर सतजग;होनेकीवजहसे;तुम्हारे पापको प्रघटकीयाहे किजोतुम बनीये.रात दीन,दुनीयांके नांमका पाप कीसीटापुके उपर करातेरहतेहो उसको दीखाओ अगर नहीदीखाओगे-तोहम-तुमको ओर तुम्हारे बाल बच्चोंको,जांनसे,मारदेंगे जबकि?ईन सोदागरांनको ऐसे२डरदीयेजातेहें जब कीसीकदर पाप करनेकी.जगहको बतातेहें परंन्तु कुल नहीबतातेहें क्युंकियह सोदागर महाजनांन बङे जाली?ओर?फरेबीहें..... ( ६६- ६७ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©जगत हितकारनी 274 #short_shyari Sushant Singh Rajput शायरी हिंदी में Extraterrestrial life शेरो शायरी Entrance examination