ओ मुरली मनोहर! ओ मेरे कृष्ण कनाही!! कोई और नही तेरी दीद ही मेरे मन के माही, बन थारी जोगण,पहन तेरी भक्ति का चोला, त्याग लाज कुल की तेरे दर आज चली आई, अब कुण सु कहूँ? मेरे व्याकुल मन की पीड़, जग ने तो बस सुण मेरी पीड़ हँसी ही है बनाई, बस तेरा साथ हो तो समूल सृष्टि ही बेगानी है, ऐसी तुम संग मैंने ओ कान्हा!! प्रीत है लगाई, चले आओ अंतिम सांसों को तेरा ही इंतजार है, कर लो आज दिल से दिल की तेरे संग सगाई, अब विरहनी के पुष्पों को तेरा ही अमृत चाहिए, न करो देर मोहना कर लो मेरी आज विदाई।। ✍️निशा कमवाल 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 61 🎀 शीर्षक:- "" बस तेरा साथ हो "" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 पोस्ट को highlight जरूर करें।