नमन मित्रो जिंदगी जी लो ख़ुशी की हमे रुलाकर हम है कि उफ़ तक न करेंगे, हमने तो एक खता कि इश्क़ करने की गर सजा मौत की मिली तो चुप रहेंगे।। खो जायेगे गुमनाम वीरानियों में, हाँ मगर तुझपे कुछ इल्जाम लगा जायेगे।। होगी एक दुनिया अलग जाने कोंन सी बस्ती में होगा आशियान अपना, हमे पता है हम वहाँ चैन से सो पायेंगे।। खोजते रहेंगे हमे जब तलक मेरे चाहने वाले हम है जब तक खाक में मिल जायेंगे।। गम तो रहेगा मुझे इस बात का उम्र भर अपनी यादो में किसी को तड़पता छोड़ जायेंगे।। मुकेश चौधरी २९/०८/२०१६