'कितना सुखद होता अगर हर रात दीवाली होती रोज़ आनंद की वृद्धि होती कितना समृद्ध होता हर नगर।' 'मित्र ख़याल अच्छा है मगर हर रात अमावस्या नही हो सकती रोज़ गली अंधकार में नही हो सकती मित्र, खुशी संग गम भी होता हर डगर।' मनु कृत्रिम प्रकाश से खुश होता मगर हर रात दीप की पूरी बाती नही जलती रोज़ प्रकृति से दूर क्या तुम्हारी देह नही जलती मनु प्रकृति संग रहो, समृद्धि चाहते हो अगर। #Lights #Diwali