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उस दिन जब पहली बार मिली थी तुमसे ललक, उत्साह, उल्

उस दिन जब पहली बार मिली थी तुमसे 
ललक, उत्साह, उल्लास, ऊर्जा और
उछाह से भर उठी थी आत्मा 
जीवन के नये-नये अनुभव
निर्मित होने शुरू हो गये थे मन में 
उन अनुभवों को प्रेम पोटली में बांध
आज भी संभाल रखा है 
और उस पोटली में इतना आकर्षण है 
चाहे अनचाहे आज भी
खुल ही जाती है 
प्रेम का वो ऐसा अनुभव था जो 
अब मीठी स्मृति में तब्दील हो चुकी है

©Shikha Srivastava
  #saval #Jindagi #खामोशी