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रात के तन्हा आलम को झुठलाने आते हैं। ये तारें मुझस

रात के तन्हा आलम को झुठलाने आते हैं।
ये तारें मुझसे बतियाने सिरहाने आते हैं।।

यूँ तो जीवन की पोथी होती सबके पास-
जीते हैं वो जिनको जीने के माने आते हैं।

नई धुनों से घिरा हुआ नए दौर का लड़का हूँ-
मेरे लबों पे फिर भी नग़मे पुराने आते हैं।

खींच ले आती है ज़रूरतें गाँव की बाँहों से-
कौन अपनी मर्ज़ी से शहर कमाने आते हैं।

कमबख़्त दुश्मन से लगते हैं अक्सर “मुर्शद”-
जब छुट्टियों के आख़िरी लम्हे चिढ़ाने आते हैं।

©KHINYA RAM GORA
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रात के तन्हा आलम को झुठलाने आते हैं।
ये तारें मुझसे बतियाने सिरहाने आते हैं।।

यूँ तो जीवन की पोथी होती सबके पास-
जीते हैं वो जिनको जीने के माने आते हैं।

#boat #नोजोतो #नोजोतोहिन्दी #nojohindi रात के तन्हा आलम को झुठलाने आते हैं। ये तारें मुझसे बतियाने सिरहाने आते हैं।। यूँ तो जीवन की पोथी होती सबके पास- जीते हैं वो जिनको जीने के माने आते हैं। #लव

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