मनीष सर, सर तीन साल लगे आपको जानने में, बिल्कुल कुम्हार जैसे है आप, जैसे कुम्हार बाहर से घड़े को पीटता है और अन्दर से सहलाता है। वैसे ही आपने हमको कडी धूप में खूब परेड करवाई पर गलती होने पर हर बात प्यार से समझाई, आपने ही हम सभी कैडेट को एक परिवार मै तब्दील किया और अपने परिवार की तरह ही प्यार दिया इन तीन सालो मे आप हमारे लिए सब थे टीचर, पेरेंट्स और ANO , शुरुआत मे आपकी बाते लेक्चर लगती थी। तब हम वाकिफ नही थे ये ही सच्चाई जिंदगी की, बस इतना ही कहूंगा सर शुक्रिया आपका मुझे अपने NCC परिवार का हिस्सा बनाने के लिए, "जलज तुम तो आते ही नही ,तुम्हारी NCC तो खत्म हो गयी ये बताने के लिए, छोड़ अपने परिवार को,हर कैंप हमारे साथ बिताने के लिए, मेरी काबिलियत को पहिचानने के लिए, शुक्रिया आपका हमारे उन तीन सालो को यादगार बनाने के लिए, ... खुदा से ये दुआ रहेगी की आपके के कंधो के स्टार बढ़ते रहे और आप सदैव खुश रहे। जन्म दिन मुबारक हो लेफ्टिनेट मनीष सर आपका कैडेट ....जलज कुमार राठौर #shore मनीष सर, सर तीन साल लगे आपको जानने में, बिल्कुल कुम्हार जैसे है आप, जैसे कुम्हार बाहर से घड़े को पीटता है और अन्दर से सहलाता है। वैसे ही आपने हमको कडी धूप में खूब परेड करवाई पर गलती होने पर हर बात प्यार से समझाई, आपने ही हम सभी कैडेट को एक परिवार मै तब्दील किया और अपने परिवार की तरह ही प्यार दिया इन तीन सालो मे आप हमारे लिए सब थे टीचर, पेरेंट्स और ANO , शुरुआत मे आपकी बाते लेक्चर लगती थी। तब हम वाकिफ नही थे ये ही सच्चाई जिंदगी की, बस इतना ही कहूंगा सर शुक्रिया आपका मुझे अपने NCC परिवार का हिस्सा बनाने के लिए, "जलज तुम तो आते ही नही ,तुम्हारी NCC तो खत्म हो गयी ये बताने के लिए,