राम आये अवध से ब्याहने जनक दुलारी दृश्य मनोहर देख के हर्षित हुए नर नारी ।। आगे आगे राम लला पीछे लखन सब भाई चले जनक के अंगना बारात लेके रघुराई ।। मंगलघड़ी अब आन पड़ी पाहुन बने श्री राम धन्य धन्य था हो गया पावन मिथिला धाम ।। कन्यादान में जनक ने सौंपा सिया का हाथ जनकसुता हुई राम की ब्याह लिए रघुनाथ ।। स्वर्ग से सुंदर था सजा सारा जनकरपुर धाम साक्षी थे सब देव ऋषि मुनि तब हुए सिया के राम ।। ✍️ आशुतोष मिश्रा #हिंदी #राम #सीता #रामायण #nojoto #nojotopoem