तेरी सूनी सूनी आंखों में मैने देखा इक सपना सोचती है हरदम तू कल क्या होगा अपना कल की बाते छोड़ो कल का रंग न अपना चार दिन के इस जीवन को हसी खुशी जी लो जीवन है संघर्ष तुम्हारा इसे न कलंकित करना आंसुओ की बूंदों में तुम न कभी बहना तेरी सूनी सूनी आंखों में मैने देखा इक सपना ... ..! ©DINESH DAS तेरी सूनी आंखों में मैंने देखा इक सपना