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गलतियाँ करके नादान, समझता ही नहीं। दिल की अपनी पहच

गलतियाँ करके नादान, समझता ही नहीं।
दिल की अपनी पहचान, समझता ही नहीं।।

जिसने किया खड़ा तुझे, झूठ बोलता उसे।
फर्क करती रही जुबान, समझता ही नहीं।।

उसको कहता है , करता हूँ काम नेकी से।
तेरी सीरत में अभिमान, समझता ही नहीं।।

ज्यों-ज्यों सर खपाता है, बदइंतजामी में।
होने लगता नुकसान, समझता ही नहीं।।

ज्यों-ज्यों गिरकर उठाता , अपना सपना।
मरता जाता स्वाभिमान, समझता ही नहीं।।

अंधेरों ने रोशनी से दोस्ती कर ली 'सुओम'।
खोता जाता है तू पहचान, समझता ही नहीं।।

©Manav Singh Rana #Nojoto  PRAKASH GOENKA Udass Afzal khan ❣️Dard ki jaan Mr Ismail Khan Yogendra Nath Yogi Surya Sawan(Producer)
गलतियाँ करके नादान, समझता ही नहीं।
दिल की अपनी पहचान, समझता ही नहीं।।

जिसने किया खड़ा तुझे, झूठ बोलता उसे।
फर्क करती रही जुबान, समझता ही नहीं।।

उसको कहता है , करता हूँ काम नेकी से।
तेरी सीरत में अभिमान, समझता ही नहीं।।

ज्यों-ज्यों सर खपाता है, बदइंतजामी में।
होने लगता नुकसान, समझता ही नहीं।।

ज्यों-ज्यों गिरकर उठाता , अपना सपना।
मरता जाता स्वाभिमान, समझता ही नहीं।।

अंधेरों ने रोशनी से दोस्ती कर ली 'सुओम'।
खोता जाता है तू पहचान, समझता ही नहीं।।

©Manav Singh Rana #Nojoto  PRAKASH GOENKA Udass Afzal khan ❣️Dard ki jaan Mr Ismail Khan Yogendra Nath Yogi Surya Sawan(Producer)