शब्द गुजारिश करते हैं , उसे लिखने की इन्हे क्या पता , यह इनके बस की बात नहीं अमावस का चांद है वो , दिख जाए ऐसी रात नहीं और मैं अंधेरा उस रात की , जो उसके हर तरफ कहीं" वह सर्द हवा सा मेरा हैं , मैं बारिश की झंकार कोई कितना दूर है वह रहता है , फिर भी अंतर ना यार कोई गम के आंसू खुशी में यूं ही , हां तब्दील हो जाते हैं