बहती हवा (गजल़) किससे पूछूँ की क्या है वहांँ जहांँ वो रहते हैं गुलाबी सी बहती हवा है मेरे इश्क़ की निशानी है वहांँ।। हर सांस मेरे धड़कते दिल की धड़कने उनकी। बहती हवा उड़ती घटा के अंदाज़ थे उनकी।। सुन–ए–हवा बहती रहती है तू सदा। तो मेरी मोहब्बत का पैगाम उनके पास लेती जा।। मेरी बेशुमार मोहब्बत का गुलदस्ता ले जा। चाहे बदले में इसके तू मेरी जान ले जा।। मगर उनकी नूरानी आँखों और चेहरे से हर ग़म। आ कर उनके आंँसू तू आ कर मुझे दे जा।। #कोराकाग़ज़ #kkpc21 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #similethougths #बहतीहवा ग़ज़ल