साँसे रुकना सिर्फ मौत नहीं, होठों पर चंद मुस्कुराहट खुसी नहीं। ज़मीर का मरना मौत कहलाता है, आदमी का आंखें भिगोकर लफ़्ज़ों से सौगात देना बरसात-ए-जशन बनजाता है। ©BINOदिनी #kinaara #मौत#ज़मीर