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अगर आज गाँधी जी होते तो क्या कहते? वो कहते मेरी जि

अगर आज गाँधी जी होते तो क्या कहते?
वो कहते मेरी जितनी भी मूर्तियाँ और तस्वीरें है उन्हें सड़कों से, चौराहों से, बगीचों से, दफ्तरों से, घरों से और यहाँ तक कि नोटों और सिक्कों से भी हटा दो।

मैं इन सब में नहीं रहता। मैं और मेरे विचार रहते है लोगों में, बच्चों में, कर्म में, स्वच्छता में, भाई चारे में, सत्य और अहिंसा में, अत्याचार और गलत के प्रतिरोध में, अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के समर्थन में।

मेरा शरीर भले ही मर गया हो लेकिन मैं जिंदा हूँ विचार के रूप में हर उस आदमी में जो सत्य का आग्रही है और अत्याचार और गलत नीतियों का विरोधी है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मना रहा है देश। तमाम विरोधभासों के बावजूद गाँधी की प्रासंगिकता हर युग में बनी रहेगी। स्वतंत्रता को सत्य से अलग करके नहीं देखा जा सकता। सत्य के आचरण से अहिंसा का स्वभाव जागृत होता है। अहिंसा ही वह मूल हथियार है जिससे स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
#गांधीजयंती #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #gandhijayanti #gandhi #gandhiquotes
अगर आज गाँधी जी होते तो क्या कहते?
वो कहते मेरी जितनी भी मूर्तियाँ और तस्वीरें है उन्हें सड़कों से, चौराहों से, बगीचों से, दफ्तरों से, घरों से और यहाँ तक कि नोटों और सिक्कों से भी हटा दो।

मैं इन सब में नहीं रहता। मैं और मेरे विचार रहते है लोगों में, बच्चों में, कर्म में, स्वच्छता में, भाई चारे में, सत्य और अहिंसा में, अत्याचार और गलत के प्रतिरोध में, अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के समर्थन में।

मेरा शरीर भले ही मर गया हो लेकिन मैं जिंदा हूँ विचार के रूप में हर उस आदमी में जो सत्य का आग्रही है और अत्याचार और गलत नीतियों का विरोधी है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मना रहा है देश। तमाम विरोधभासों के बावजूद गाँधी की प्रासंगिकता हर युग में बनी रहेगी। स्वतंत्रता को सत्य से अलग करके नहीं देखा जा सकता। सत्य के आचरण से अहिंसा का स्वभाव जागृत होता है। अहिंसा ही वह मूल हथियार है जिससे स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
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kapilkumar8987

Kapil Kumar

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