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The evil quotes सीता का कुल की रक्षा के लिए लक्ष्

The evil quotes  सीता का कुल की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा पार करना,
समाज के समक्ष अपने पवित्रता के लिए अग्नि परीक्षा देना,
राज्य के हित के लिए रामराज्य का त्याग,
ये बताता है,
एक पर पुरुष यदि एक पर स्त्री को हाथ भी लगा देता है तो फिर चाहे अगर स्त्री कितनी भी अग्नि परीक्षा दे ले उसे संदेह की दृष्टि से देखा जाता,
क्या एक स्त्री इतनी कमजोर होती है की अपने सतीत्व की रक्षा स्वं नहीं कर सकती?
क्या उसके अंदर इतनी क्षमता नहीं होती की अपने समक्ष किसी भी पुरुष को मर्यादा में रख सके?
मैं सिर्फ इतना कहना चाहुंगी जिनके लिए श्री राम ने आजीवन मर्यादा में रहने का वचन दे दिया,
उस सीता के सामने रावण का मर्यादा में रहना उचित था,
रावण ने कई प्रत्यंचा की सीता का पतिव्रता भंग करने की,
सीता के समक्ष रावण की एक ना चली,
राम का भी रुप लिया रावण,
पर सिया वर राम का रूप धारण करते ही सीता मां रूप में प्रकट हुई रावण भी बालक बना क्षणभर में,
फिर भी लोग दुहाई देते सीता की पवित्रता मे हाथ था
 रावण की मर्यादा,
ओ अमर्यादित समाज देख लो सीता में था ताकत कितना,
वो स्वांस लेती भूमि के भीतर भी,
और समा जाती है भूमि के भीतर ही,
ना उन्हें राम की जरूरत अपने परिचय,
रावण की मृत्यु लिए वो अपने भाग्य मे लाई!
एक अहंकारी ब्राह्मण का लोभ क्रोध मोह,वासना का परिणाम बताने आई। #I_Hate_Ravan
The evil quotes  सीता का कुल की रक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा पार करना,
समाज के समक्ष अपने पवित्रता के लिए अग्नि परीक्षा देना,
राज्य के हित के लिए रामराज्य का त्याग,
ये बताता है,
एक पर पुरुष यदि एक पर स्त्री को हाथ भी लगा देता है तो फिर चाहे अगर स्त्री कितनी भी अग्नि परीक्षा दे ले उसे संदेह की दृष्टि से देखा जाता,
क्या एक स्त्री इतनी कमजोर होती है की अपने सतीत्व की रक्षा स्वं नहीं कर सकती?
क्या उसके अंदर इतनी क्षमता नहीं होती की अपने समक्ष किसी भी पुरुष को मर्यादा में रख सके?
मैं सिर्फ इतना कहना चाहुंगी जिनके लिए श्री राम ने आजीवन मर्यादा में रहने का वचन दे दिया,
उस सीता के सामने रावण का मर्यादा में रहना उचित था,
रावण ने कई प्रत्यंचा की सीता का पतिव्रता भंग करने की,
सीता के समक्ष रावण की एक ना चली,
राम का भी रुप लिया रावण,
पर सिया वर राम का रूप धारण करते ही सीता मां रूप में प्रकट हुई रावण भी बालक बना क्षणभर में,
फिर भी लोग दुहाई देते सीता की पवित्रता मे हाथ था
 रावण की मर्यादा,
ओ अमर्यादित समाज देख लो सीता में था ताकत कितना,
वो स्वांस लेती भूमि के भीतर भी,
और समा जाती है भूमि के भीतर ही,
ना उन्हें राम की जरूरत अपने परिचय,
रावण की मृत्यु लिए वो अपने भाग्य मे लाई!
एक अहंकारी ब्राह्मण का लोभ क्रोध मोह,वासना का परिणाम बताने आई। #I_Hate_Ravan