* खुशीयो का बजार * मेरी जिंदगी में फिर खुशहाली लानी है आज खरिदने जा रहा हूँ खुशीयो के बजार में। पता नहीं क्या किमत होगी एक हसी की यहाँ तो हर तरहा की मुस्कान मिलती है एक रुपये में। में भी दुखो का थेला भर ले आया हूँ सोचा कोई खरीददार मिल जाएगा तो उसे दे देंगे फ्री में। हर तरफ से अवाजे लगाई जा रही थी छोटी खुशी 1 रुपये ओर बडी खुशी 10 में। लगी हुई थी भीड़ हर तरफ गमो के मारो की आँखे डुंड रही थी दवा व्यापारी कि दुकानो में। कोई इश्क़ का मारा था तो कोई जिंदगी से हारा था सुनी जा रही थी सबकी अवाज खुशी की देहलीज में। फिर भी ना मिली मेरे हिस्से की खुशी इन रुपयो की खरीददारी में। लोट आये फिर अपने दुखो का थेला अपने कांधे पर लिए हुए इसका भी कोई खरीदार ना मिला इतने बड़े जमाने में। रिश्ते निभाने पड़ते है खुशी पाने के लिए कोई खुशी नहीं मिलती इस दिखावे के खुशी के बजारो में।। * DevU Raj * #Alone Jayap Shalini choudhary Kumar Vijay Deepak Chandra Rahul Bisht