गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्। उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम् ॥ हे विघ्नहर्ता हम पर कृपादृष्टि बनाए रखना।