महानुभावों जो उठाते हो , मेरे किरदार पर उंगलियां... बदले में सिर्फ मैं एक , 😄मुस्कान भरना चाहता हूं घमंडी हूं या स्वाभिमानी हूं ,जितनी तुम्हें समझ है हमको समझ लो उतनी.. यही तो बताना चाहता हूं सभामध्य खुद के किरदार, खुद का नृत्य, खुद ही देख लो , मैं तो बस सादर सहित , एक दर्पण भेंट करना चाहता हूं । #अमोघ