इन आज़ाद पंछियों की तरह खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं। इन बेबाक चिड़ियों की तरह अपनी जिंदगी में चहकना चाहती हूं। इस गुलाबी शाम की तरह अपनी जिंदगी को रुहानियत से भरना चाहती हूं। इन तारों के जैसे नहीं, आसमां में चमकते इस शीतल चांद की तरह चमकना चाहती हूं। @ a_vision_in_a_dream Chaat