रोज़ रोज़ मिटते है, फिर भी ख़ाक न हुए यादो से रोज- जलते है फिर भी खाक ना हुए .. मीटना किस्मत बन गई ,अब ज़ो साथ ना रहे ... हक ज़ो हमारा था कल तक आज उम्मीद बन गया... सायद हम जुदा हे य़े दुरियो का नाजरिया हे सही ... कुछ अभी भी बाकी हे ज़ो अन्दर अटके हे लेकिन राख ना हुए ...... #ABnoRmal