थोड़ा थक सी गयी हूँ मैं थोड़ा थक सी जाती हूं अब मैं… इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है, पर ऐसा भी नहीं हैं कि अब… मैंने चलना ही छोड़ दिया है। फासलें अक्सर रिश्तों में… अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं, पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने.. अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है। हाँ जरा सा अकेला महसूस करती हूँ… खुद को अपनों की ही भीड़ में, पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने… अपनापन ही छोड़ दिया है। याद तो करती हूँ मैं सभी को… और परवाह भी करती हूँ सब की, पर कितनी करती हूँ… बस, बताना छोड़ दिया है।।” ©Subhagini #SAD thoda thak si gyi hu #think