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इक दर्द था कि पलकों पर उभरता हुआ अंदर था समंदर आँ

इक दर्द था कि पलकों पर उभरता हुआ 
अंदर था समंदर आँसुओं से भरता हुआ 

कड़कती बिजलियों सी दरार थी दिल में 
वो तो मेरा दिल था कि फिर भी धड़कता हुआ

©Banarasiya
  ये दिल तुम्हारे लिए आज भी धड़कता है...
#dhadkan #dil #thebrokenlover
mukundsingh6525

Banarasiya

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ये दिल तुम्हारे लिए आज भी धड़कता है... #dhadkan #Dil #thebrokenlover

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