Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है कुछ बातें कुछ मुलाकाते कुछ एहसास कुछ जज़बात कुछ दर्द कुछ स्पर्श कुछ आंसू कुछ नज़्म कुछ राते कुछ दिन कुछ सफ़र कुछ रास्ते कुछ वक़्त कुछ बेवक्त कुछ नींद कुछ बेहोशी कुछ सर्द रातों की बेचैनी कुछ भीगे लम्हों की मुलाकाते कुछ प्यार के को पल कुछ बे मतलब की झुड़प कुछ दर्द भारी निगाहें कुछ हमदर्द बनती बातें कुछ सिसकियों में भांपते एहसास कुछ लंबी दूरी की हरारत कुछ सिलवटों में लिपटी हिफ़ाज़त कुछ भीनी गीली मिट्टी की खुशबू कुछ गुलाब से आती सुख लाल स्याही कुछ वक़्त बेवक्त की पहचान कुछ रातों की नींद कुछ दिन का चैन कुछ सुकून भरी सांसे कुछ नरम रुख एख्तियार करती वहीं हर्षिता कुछ लिखी थी वो नज़्में जो सुनाई थी कुछ अपनी जज़्बातों से भारी थी कुछ कतरा कतरा रीस रही थी कुछ वहीं मोम सी पिघल रही थी। कुछ सुकून मिलता आवाज़ सुनकर। कुछ कहते थे सुकून तुम हो। कुछ पन्नों पर बंद हुआ हो रंजो ओ गम कुछ हिफ़ाज़त से सम्भाल लिया जज़बात ए हर्षिता की ज़ुबानी। #realityoflife #feelings #deep #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है कुछ बातें कुछ मुलाकाते कुछ एहसास कुछ जज़बात कुछ दर्द कुछ स्पर्श कुछ आंसू कुछ नज़्म