मानते है दोस्ती किसी दिन का मोहताज नही। पर ना जाने क्यों तेरी आवाज़ सुनने को,आज ये दिल उदास बैठा है। मन कर रहा है फिर से मिलु अपने दोस्तो से। और दूर कर दु इसे, ना जाने कब से ये तन्हाई मेरे पास बैठा है। #Dev #incomplete poem #incomoletelove #Dosti