// माफ़ी नामा // माफ़ करना मुझे ऐ दोस्त मेरे, बहुत मुश्किल से हुई, ये दोस्ती हमारी हम निभा न सके, किसी और के साथ की लालसा इतनी ज़्यादा बढ़ी कि ऐ मेरी तनहाई! हम साथ तेरा निभा न सके, पर देखो तो, सुबह का भूला शाम होने से पहले आ गया है, यार तुम्हारा वापस तुम्हारे पास लौट आया है, यकीं मानो ये गुस्ताख़ी आख़िरी थी, अब भला वो जाएगा कहां, छलनी तो वो पहले ही था, अब तो वो दिल के टुकड़े भी रौंदवा आया है।। // माफ़ीनामा // माफ़ करना मुझे ऐ दोस्त मेरे, बहुत मुश्किल से हुई, ये दोस्ती हमारी हम निभा न सके, किसी और के