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जिन्दगी चल रही है तुम्हारे बिना भी यार मेरे कदम फ

जिन्दगी चल रही है तुम्हारे बिना भी 
यार मेरे कदम फिर क्यूं खामोश है ं
सांस भी चल रही है तुम्हारे बिना भी 
रूह मेंरी क्यू तुम बिन फिर बेहोश है 

यार सारी ही गलती तो मेरी
 नहीं कुछ तो खुदा का भी तो दोष है 
जो किस्मत में न था दिखाया ही क्यूं 
मेरी आँखों को बस इतना अफसोस है 

तुम बिना भी कदम चूमती मंजिलें 
पर अब वो पुराना कहां जोश है 
एक नए नाम से आज उभरा हूं मैं 
पहचान मेंरी क्यूं खुद में ही मदहोश है 

सब फिदा हैं मेरी एक आवाज पे 
उसको चेहरे से शायद मेरे रोष है 
यार दिल था जो उसका पिघला नहीं 
कोई पत्थर या लोहा बहुत ठोस है 

तुम बिना जब मैं तन्हा चला इक कदम ...ज़िन्दगी 
मुझको मालूम हुआ जैसे सौ कोष है 
यार सारी ही गलती तो मेरी नहीं........ 
# Kavi lakshya
जिन्दगी चल रही है तुम्हारे बिना भी 
यार मेरे कदम फिर क्यूं खामोश है ं
सांस भी चल रही है तुम्हारे बिना भी 
रूह मेंरी क्यू तुम बिन फिर बेहोश है 

यार सारी ही गलती तो मेरी
 नहीं कुछ तो खुदा का भी तो दोष है 
जो किस्मत में न था दिखाया ही क्यूं 
मेरी आँखों को बस इतना अफसोस है 

तुम बिना भी कदम चूमती मंजिलें 
पर अब वो पुराना कहां जोश है 
एक नए नाम से आज उभरा हूं मैं 
पहचान मेंरी क्यूं खुद में ही मदहोश है 

सब फिदा हैं मेरी एक आवाज पे 
उसको चेहरे से शायद मेरे रोष है 
यार दिल था जो उसका पिघला नहीं 
कोई पत्थर या लोहा बहुत ठोस है 

तुम बिना जब मैं तन्हा चला इक कदम ...ज़िन्दगी 
मुझको मालूम हुआ जैसे सौ कोष है 
यार सारी ही गलती तो मेरी नहीं........ 
# Kavi lakshya