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बागवान : निगहबान दिल में फूल, दिमाग में फूल, तन

बागवान : निगहबान

 दिल में फूल, दिमाग में फूल,
तन में फूल,मन में फूल,
 जिधर देखो उधर फूल ही फूल
 फिर क्यों है मन में नासूर
 नजर करती है हरदम निगेहबानी
 मन में रहता है हर पल शैतानी
कब-कहाँ किसको तोरूंँ,किसको जोरूँ
हरपल रहता इसी ख्याल में

©DR. LAVKESH GANDHI #flowers #
# फूल ही फूल#
बागवान : निगहबान

 दिल में फूल, दिमाग में फूल,
तन में फूल,मन में फूल,
 जिधर देखो उधर फूल ही फूल
 फिर क्यों है मन में नासूर
 नजर करती है हरदम निगेहबानी
 मन में रहता है हर पल शैतानी
कब-कहाँ किसको तोरूंँ,किसको जोरूँ
हरपल रहता इसी ख्याल में

©DR. LAVKESH GANDHI #flowers #
# फूल ही फूल#