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हसरत कहूँ ये उनकी या इसे समझू फितरत, जो डगमगाती पल

हसरत कहूँ ये उनकी या इसे समझू फितरत,
जो डगमगाती पलको को मेरी,रोशन होने  नही देते,
हर झपक पे मेरी,इज्जत का सर कलम कर जाते है।। #nojoto_poem #stories #हसरत_या_फितरत #इज्जत_का_सर_कलम
हसरत कहूँ ये उनकी या इसे समझू फितरत,
जो डगमगाती पलको को मेरी,रोशन होने  नही देते,
हर झपक पे मेरी,इज्जत का सर कलम कर जाते है।। #nojoto_poem #stories #हसरत_या_फितरत #इज्जत_का_सर_कलम