वो एक खुली किताब सी, मैं अन्जाना सवाल सा देखकर उसको मच गया बवाल सा। वो गहरे समंदर सी, मैं ठहरा हुआ पानी मैं तो एक बनजारा सोचा बनेगी वो मेरी रानी। उसकी अदाएं कमाल सी, लगती है वो सवाव सी मैं एक दीवाना सा वो मेरे एहसास सी। क्या बताऊँ कैसी है वो पहली बारिश की खुशबू सी है वो। मैं एक बादल सा और वो हवा सी, जरा सी क्या चली और मे हिल गया। मैं एक अधेंरा सा और वो किरन सी, जरा सी क्या निकली मौसम बदल गया। बहुत नाज है उसे अपने हुस्न पर, वो एक खिलते हुए गुलाब सी। एक पहेली सी लगती है वो, कभी लगती है न मिलने वाले जबाव सी। मैं एक पागल सा ,दीवाना सा डूबते हुए को मिलने वाला सहारा सा। वो एक अनकहा जबाव सी कभी न पूरा होने वाले ख्बाव सी #Nojoto #unwanted #love #firstglims #philosophy