कभी सोचा था के मैं इब्तिदा हो जाऊँ कभी लगता है के अब इंतेहा हो जाऊँ तारीख़ तो ना बन सकूँ शायद मैं अब कभी कम से कम इक कोई वाक़िआ हो जाऊँ ~आमिर ©Aamir Bhai corrected #History #khwahish #tamanna #Grassland