इश्क़ करके बेदाग़ रहने का है रास्ता नहीं कोई बहुत आसाँ तिरा कहना कि मुझसे वास्ता नहीं कोई है बेबस का बनाता मजाक बड़ा बेअदब है वो पुश्तैनी ज़ायदाद पे भी इतना इतराता नहीं कोई उम्र के मक़ाम पर भी छेड़ दे किसीका नाम लेकर जफ़ा फितरत है जमाने की ये मानता नहीं कोई तिरी मौजूदगी में रौनकें लाज़िम है चेहरे पर बात राज़ की है दिल के सिवा जानता नहीं कोई मिरा महबूब से मिलना हो या खुदा का सजदा बन्दगी इश्क़ के सिवा फ़रिश्ता सिखाता नहीं कोई मुमकिन है तमन्ना-ए-दिल पे इख़्तियार बरबस 'बावरा' मगर यूँ अपनी ही जान से रार ठानता नहीं कोई ©बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoNews #bawraspoetry #Ghazal #NojotoGhazal #Sher_O_Shairy #NojotoHindi #NojotoUrdu Mohammad Arif (Tanha)