कड़वा सच लानत भरी नजर से देखते हैं गरीब को, मगर वो चैरिटी का शौक रखते हैं। शहरों में फैशन सा बन गया है ये, न जाने क्यों दिखावे का शौक रखते हैं। न जाने क्या मिलता है उन्हें..? जो दिलों में इंसानियत नहीं रखते हैं। खुद की गाय जो रखते नहीं, दूसरों की गाय पे गौदान वो करते हैं। धर्म बस दिखावा है जिनके लिए, न जाने क्यों झूठी शान वो करते हैं। दिखावा भी लिबास बन गया है उनका, Fantasy Writer® पाप की कमाई पे जो अभिमान करते हैं। धर्म पे यकीं है और कर्म पे यकीं है जिनको, कहाँ दिखावे की नियत वो रखते हैं। फितरत ही जिनकी झूठी, वो ही दिखावे की फितरत भी रखते हैं। बेइमानी है जिनकी रगों में, वो दूसरों को भी बेइमान समझते हैं। अजब सा दौर चल रहा है दोस्तो, कुछ लोग इंसान को इंसान नहीं समझते है।। झूठी शान। #kadwasach #हकीकत #कविता #जमाना #गरीब #दिखावा।