मेरे आँखों का ख्वाब मेरे आँखों में ही रह गया ! मैने सोचा चलो ठीक है कम से कम मेरे आँखों में ख्वाब तो है पर कम्बख्त वो भी आँसुओं में बह गया ! तेरे साथ मेरे सारे सपने चले गए ! तेरी खातिर मैने बहुत लोगों से दूरियां बढ़ा ली तो मेरे वो अपने भी चले गए ! मैं ये सब कुछ सह गया फिर फैसला लिया ! की मैं इन सारी यादों के साथ - साथ तुझे भुला दूंगा फिर तुझे भुला भी दिया ! पर ये सब कुछ भुलाने का क्या लाभ हुआ ? की मैं क्या क्या भुला ये सब याद भी रह गया ! ©Keshav Kamal #sad_life मेरे आँखों का ख्वाब मेरे आँखों में ही रह गया ! मैने सोचा चलो ठीक है कम से कम मेरे आँखों में ख्वाब तो है पर कम्बख्त वो भी आँसुओं में बह गया ! तेरे साथ मेरे सारे सपने चले गए ! तेरी खातिर मैने बहुत लोगों से दूरियां बढ़ा ली तो मेरे वो अपने भी चले गए !