मैंने अभी कहाँ कुछ लिखा है आंसूं अभी बाक़ी हैं और रात की स्याही भी दुनिया है लोग हैं टूटे हैं और ग़म है बाक़ी अभी बयां ही कहाँ हुआ है अभी आंख कहाँ पिघली अभी वो कहाँ लिखा है जो दिल में है बाक़ी मैंने अभी सब कुछ कहाँ लिखा है मैंने सबसे बेहतरीन कहाँ लिखा है 16/3/20