शायराना अंदाज में अपना हाल-ए-दिल हमसे बयां कर गए। शायराना अल्फाज भी समझाने के लिए उन्हें कम पड़ गए। राह ए मोहब्बत में चलना चाहते थे वह हर कदम हमारे साथ पर हमसे कहने के लिए कोई अल्फाज ही नहीं बचे थे पास। कह देते दिल की बात साधारण से कुछ दो चार शब्दों में। शायराना अल्फाज समझ नहीं आये और सर से निकल गए। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-43 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥43:- शायराना अल्फ़ाज़