जब तुमसे दूर हुए थे तब ज़िन्दगी बेमानी लगती थी, बात-² में तुम्हारा एहसास, पल-² वीरानी लगती थी। दिल तुम्हारे सिवा किसी को चाहता भी तो नहीं था, कैसे कहता हाल, किसी को जानता भी तो नहीं था। सारी अच्छी बातें भी चुभती थी जैसे हो कोई नश्तर, एक तेरे जाने के बाद ज़िंदगी हो गई थी जैसे बदतर। ख़ुद की ढूँढ़ते थे ग़लतियाँ, सुकूँ कहीं मिलता ना था, तेरी यादों के सिवा यूँ काम किसी से चलता नहीं था। बेवफ़ाई से ले सबक ज़िन्दगी अब अवसर लगती है, बिखर के सँवरे हैं जब, अब ज़िन्दगी बेहतर लगती है।— % & Rest Zone 'मेल-मिलाप' "जब तुमसे दूर हुए... अब ज़िन्दगी बेहतर लगती है।" #restzone #rztask261 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #feelings