आज फिर सागर में तूफान उठा है बहके कदम हमारे सूरज भी देखने को नीचे झुका है नैन लड़ गए ये वक्त का कमाल होठों से निकली चिंगारी हो गए शर्म से लाल चलो करलें किनारा इस जहाँ से कहीं मच ना जाए देख हमारी उल्फत भरी अदाएं दुनिया भर में धमाल दुनियाभर में धमाल