मेरी इस खता का इनाम क्या होगा, अब तेरा मुझपर नया इल्जाम क्या होगा। वफा बेवफाई की लडाई में कुर्बा हो गई ये कहानी, अब मेरे बाद किसके साथ तेरा नाम होगा। मुझे दिखाई दे गया मोड रास्ते में, अब यही से तेरा मेरा रास्ता अलग होगा। ये जन्जीरे टुट गई, तू आजाद है अब मै आजाद हु, अब दोनो का एक नया जहाँ होगा। तेरी ये झील सी आँखें सूखी सूखी सी दिखती है, मैने अक्ष अपना ले लिया , अब इनमे चेहरा कोई और होगा। ये तेरी मेरी मुलाकात आखिरी है, अब पता नही कभी दीदार होगा या नही होगा। (रोहित बैराग) # क्या होगा