जरा लिख लूं, उतार चढ़ाव से रहा हूं भरा, ठहरो जरा,उन्हे लिख लूं, अच्छे दिनों की यादें हैं, तो बुरे दौर की खाई, संघर्ष रहे हैं कभी, कभी खुद का साथ छोड़ती परछाईं, रोते हुए दिन बीते हैं, कभी रही तनहाई, सुप्रभात। एक सुंदर #collab Rest Zone की ओर से। #पत्रज़िन्दगीको #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi