Written by Harshita Dawar ✍️✍️ बहुत हुआ अब नहीं कियाएसा किया होता। बहुत हुआ अब हम तब तक बोलेगए। बहुत हुआ अब दिल की बातो को दिल में छिपे ही रहने दो। बहुत हुआ अब हम ने सहेजे है अपने अरमानों की कश्तियां दहेज के लोभी लोगो की औरतों को अपनी मलकीयत समझ कर मोलभाव शुरू किया। बहुत हुआ अब और नहीं। बहुत हुआ आन बेटियां विदा नहीं होगी। बहुत हुआ अब आदमी विदा होगे। ज़िग्रे कार्लो बड़े अब हम औरते बढ़ेगी। घर जावाई लगेगी। हर चीज़ की एक हद होती है। #बहुतहुआ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ बहुत हुआ अब नहीं कियाएसा किया होता। बहुत हुआ अब हम तब तक बोलेगए। बहुत हुआ अब दिल की बातो को दिल में छिपे ही रहने दो। बहुत हुआ अब हम ने सहेजे है अपने अरमानों की कश्तियां दहेज के लोभी लोगो की औरतों को अपनी मलकीयत समझ कर मोलभाव शुरू किया।