किस तरह रेत के समंदर में कश्ती ए जीस्त रवा सोचो सुन के बाद ए सबा की सरगोशी क्यों लरजती है पत्तियां सोचो जौक ए तामीर क्यों नहीं मिटता क्यों उजड़ती है बस्तियां सोचो फिकर ए सिरात है कि जहर का घूंट बा- आस उमर जावेदा सोचो लोग मायने तराश ही लेंगे कोई बे- रब्त दास्तां सोचो........... (दावत ए फिकर ) 31/10/2022 ©Shahzada moin #dawatfikar #Trading #forupage #For❤U #dost