#OpenPoetry नसीहत लोगों की बातों पर वक्त जाया न कर ये कुछ अपने हैं, इन्हें पराया न कर उसकी गली में, होंगे कई मकां यूँ हर किसी के घर जाया न कर यूँ बेवजह मोहब्बत किसी पर लुटाया न कर जो चला गया, उसे वापिस बुलाया न कर जिस्म तो बहुत हैं, इस जमाने में मगर सच्ची मोहब्बत को यूँ ठुकराया न कर #OpenPoetry #latest #nashihat