जब दिल में नहीं है तूं.. फिर सजदा क्यूं करना.! जब ज़ाहिर सब तुझ पर..फिर परदा क्यूं करना.! क्या रंगत..क्या सूरत..सब तुझको प्यारे हैं.., जब सब कुछ है तेरा.. फिर सर को क्यूं ढकना..!! -------अमित #रब #सूफी