वो बचपन कितना प्यारा था जिसका एहसास सबसे न्यारा था पता नहीं कहां फंस गए इन जिम्मेदारियों के बोझ में... वो बचपन ही हमारा जन्नत का नज़ारा था! Sachinboora 303 ©Sachin Swami बचपन शायरी@सचिन स्वामी