मेरी इस सफेद वर्दी पर दाग बहुत है जुर्म का तो पता नहीं पर इल्ज़ाम बहुत है , फरिश्ता कहता है वो मरीज मुझे जब वो ठीक हो जाता है पर काम अगर थोड़ा सा भी बिगड़ जाए , इसमें बदनाम करने वालों के नाम बहुत है मेरी इस सफेद वर्दी पर दाग बहुत है । नहीं झिझकते है वो परिजन इक पल भी हांथ उठाने से दो पल पहले ही जिसने मुझे फरिश्ता बना दिया था लोगो को लगता है कि दिन भर बैठी रहती हूं मै पर इंजेकशन लगाने के अलावा भी मेरे पास काम बहुत है मेरी इस सफेद वर्दी पर दाग बहुत है । मानवता की सेवा करना कर्तव्य है मेरा उन कांपते हुए हंथो का सहारा हूं मै अपने दर्द को भूलकर तुम्हारे मरहम लगाने आती हूं मै पर मेरे रह पर भी चोटो के निशान बहुत है । मेरी इस सफेद वर्दी पर दाग बहुत है जुर्म का तो पता नहीं पर इल्ज़ाम बहुत है by Rinki Pal