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जनसंख्या बड़ी बीमारी है। दुखी सारे नर नारी है। कर

जनसंख्या बड़ी बीमारी है।
दुखी सारे नर नारी है।
कर ली है सब ने आंखे बंद,
ना किसी ने ये विचारी है।
एक दिन इतनी बढ़ जायेगी।
ना ये काबू में आएगी।
कैसे फिर तुम जी पाओगे।
क्या खाओगे क्या खिलाओगे।
भारत की जनसंख्या भरमाई है।
ज्यादा बच्चे सुखदाई है।
हर चीज की मौज रहेगी घर में,
मिल कर मौज उड़ाए है।
ना इस मे सच है राई मान।
सच्चाई को तू जान।
बात ये मान लो कहे चौहान।
एक जोड़ा और एक संतान।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN
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