सन् -1909 में गाँधी जी ने एक परिकल्पना तैयार की जिसका उद्देश्य समृद्ध समाज विकसित करना था। इस योजना का सीधा सम्बंध भारत के लगभग सात लाख गाँव से था। इस परिकल्पना को ही 'हिन्द-स्वराज' के नाम से जाना जाता है। वो चाहते थे कि गाँव में भी कवि हों,चित्रकार,शिल्पी,शोधकर्ता के साथ साथ भाषाओं के विद्वान हों। उन्होंने अपनी बात को 10-11-1946 में 'हरिजन सेवक' के एक अंक में लिखा भी था कि गाँव वालों में भी ऐसी कला और कारीगरी का विकास हो जिसके कारण उनकी बनाई वस्तु का मूल्य बाहर से अच्छा मिल सके। खादी ग्रामोद्योग उसी की एक कोशिश थी। OPEN FOR COLLAB✨ #ATबापूनेसिखाया • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Here's a special prompt on Gandhi Jayanti. Collab with your soulful words.✨ Transluteration: Baapu ne sikhaya • Must use hashtag: #aestheticthoughts