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जब डाल पर था, बाग में छा गया। जब टूटकर गिरा तो मुर

जब डाल पर था, बाग में छा गया।
जब टूटकर गिरा तो मुरझा गया।।
ए मूर्ख !अपने वजूद पर घमंड है तुझे।
ये जमाना तो अच्छे-अछों को खा गया।।
जो कमाया सब-कुछ छोड़ा यहीं पर।
सारी जिंदगी किसी को क्या पा गया।।

©Navdeep Sharma #मुरझा गया

#OneSeason
जब डाल पर था, बाग में छा गया।
जब टूटकर गिरा तो मुरझा गया।।
ए मूर्ख !अपने वजूद पर घमंड है तुझे।
ये जमाना तो अच्छे-अछों को खा गया।।
जो कमाया सब-कुछ छोड़ा यहीं पर।
सारी जिंदगी किसी को क्या पा गया।।

©Navdeep Sharma #मुरझा गया

#OneSeason