माँ का आँचल नैनो मे रख के निशा को जिसने लोरियाँ गाकर हमको सुलाया खुद भूखी रह के हमको खिलाया फिर क्यु उम्र के दहलीज पे माँ का आंचल सूना है जब दुनिया ने सितम ढाया तब सीने से अपने लगाया अपने हिस्से का सब कुछ दिलाया फिर क्यु उम्र की दहलीज पे माँ का आंचल सूना है #makaanchal उम्र के पड़ाव पे वृद्धाश्रम मे क्यू छोड़ जाते है जिस आंचल मे बचपन बीता, अब वो आंचल क्यु है रीता