स्वर्ण बाली 2 लालिमा समेटे सारी, सारी को सहेजे नारी। उंगलियों में रत्न सारी, गले चमके चंद्रहारी। बालों में हो गजरा डाली, झूले झूला कर्ण बाली। तारो भरी भौंह धारी, लाज से हो पलके भारी। ©Shailendra Shainee Official #स्वर्ण बाली 2